ये रहे कला के उत्तम नमुने
वड़ोदरा में हंगामे के साथ एक चित्रकार की पेंटींगो को हटा दिया गया. यह कला का गला घोंटना था. मगर अपने पास भी ब्लोग जैसे माध्यम है. तो लिजीये पेश है महान कृतियों मे से दो चित्र.
आप कलाकार है तो आप इसमें छीपी भावना समझ ही जएंगे, तो ताली बजा कर कलाकार का उत्साह बढायें. आप कलाकार नहीं है तो अपने आप को बेवकुफ मत कहलवायीये, साथ साथ तालियाँ बजाईये की क्या महान कलाकारी है.
चित्र एक : कई देवताओं के मुख है, किसका चित्र माने. बाकि कुछ लिख नहीं सकता खुद ही देख लें.
चित्र दो : यह चित्र कहते है दूर्गा का है. मेरी नजर में तो प्रसवपीड़ा से गुजरती महिला का मजाक ही है.
ये चित्र खाश उन लोगो के लिए रखे जिनके अनुसार एक फासिस्ट सरकार द्वारा कला का गला घोंटा जा रहा है. मैं उनसे इस कला को समझना चाहता हूँ.
संजय भाई वो हिन्दी में क्या बोलते है? गरयीयाना मत.