नरेन्द्र मोदी के ब्लॉग से : गुजरात विरोधियों को बख्शा नहीं जाएगा
मित्रों,
मेरे कल के ब्लॉग में मैने नई अस्पृश्यता के तालेबान शब्द का प्रयोग किया था। मेरा स्पष्ट मत है कि सार्वजनिक जीवन में किसी प्रकार की छुआछूत या अस्पृश्यता के लिए स्थान नहीं होना चाहिए।
मेरे ब्लॉग में मैंने किसी भी पार्टी या व्यक्ति का नाम नहीं लिखा, फिर भी कॉंग्रेस जैसी पार्टियों ने पूरी बात को अपने सर पर ले लिया। कॉंग्रेस ने ऐसा क्यों किया होगा? यह बात जनता को सोचनी चाहिए।
कॉंग्रेस के मित्रों ने कल गुस्से मे आकर अनाप-शनाप बयान दिए लेकिन उस मामले में मैं वक्त बर्बाद नहीं करना चाहता।
कॉंग्रेस ने श्री अमिताभ बच्चनजी से पूछा है कि वे गुजरात के साम्प्रदायिक दंगों का विरोध करते है या नहीं ? मित्रों, मोदी स्वयं दंगों का विरोध करता है। प्रत्येक नागरिक को दंगों का विरोध करना ही चाहिए।
१९८४ के दिल्ली दंगे हों, १९९२ के मुंबई दंगे हों, १९८५के गुजरात दंगे हों, कश्मीर में जारी अत्याचार हो या फिर गोधरा वाले दंगे हों। दंगों के लिए अलग- अलग तराजू नहीं हो सकते।
मित्रों,
गुजरात में वर्ष-२००२ में दंगे जारी थे, उन दिनों में गुजरात विधानसभा में मार्च २००२ में मेरे दिये वक्तव्य का एक पैराग्राफ में यहां लिख रहा हूं। दिन-रात झूठ फैलाने वालों के लिए इतना प्रमाण काफी है।
"क्या हम सभी को आत्म-चिंतन करने की आवश्यकता नहीं है? घटना गोधरा की हो या गोधरा के बाद की हो, किसी भी समय समाज को यह शोभा नहीं देती। यह घटनाएँ मानवता के लिए कलंक है। यह ऐसी घटनाएँ नहीं हैं जिससे किसी का सिर ऊंचा हो, तो फिर इस में मतभेद कैसा?"
वर्ष २००२ के मार्च महिने में दंगों के दौरान विधानसभा सदन में दिया गया मेरा वक्तव्य देश और दुनिया को सत्य बताने के लिए पर्याप्त है।
मित्रों,
२७ फरवरी २००२ को गोधरा में हृदय-विदारक घटना हुई और २८ फरवरी २००२ को दोपहर में मैने दूरदर्शन पर शांति की अपील की थी जो गुजराती में थी। मै इसे आपके समक्ष रख रहा हूं:
http://www.youtube.com/watch?v=BIRMR8zW0iI
(मेरी यह वीडियो अपील दूरदर्शन तथा आकाशवाणी पर लगातार प्रसारित होती रही तथा कई दिनों तक इसका प्रसारण जारी रहा।)
इस अपील को अक्षरसः शब्द लेखन:
गुजराती :
http://www.narendramodi.com/Any-unsubstantiated-criticism-of-Gujarat-can-never-be-tolerated,-come-what-may-gujarati.pdf
हिन्दी :
http://www.narendramodi.com/Any-unsubstantiated-criticism-of-Gujarat-can-never-be-tolerated,-come-what-may-hindi.pdf
उस दिन की मेरी दर्दभरी अपील आज इतने वर्षो के बाद भी गुजरात को बदनाम करने वाले बहरे कानों को सुनाई देगी इसकी मुझे तनिक भी आशा नहीं है।
मित्रों
गांधी,सरदार की भूमि गुजरात का अन्ध विरोध किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुजरात मुँहतोड़ जवाब देगा और देकर रहेगा।
(नरेन्द्र मोदी के ब्लॉग से साभार, कृपया वहीं पर जाकर टिप्पणी भी करें)