Thursday, December 6, 2007

जब बोले मोदी ऐसा...

एक डायलोक बड़ा प्रसिद्ध हो रहा है, "न खाता हूँ न खाने देता हूँ" यह कहना है गुजरात के मुख्यमंत्रि नरेन्द्रभाई मोदी का. लोगो को मजा आ रहा है, इसको अपनी रिंगटोन तक बना रहे है. मगर कुछ लोग परेशान है. पत्रकार पुछते फिर रहे है कि मोदी ऐसा क्यूँ कह रहे है. विनोद दूआ साब परेशान हो रहे है , उनके माफिक कोई बोल नहीं रहा. तो बार बार पुछ रहे थे की मोदी अपना ढ़ींढ़ोरा क्यों पीट रहे है?

अपना कहना है की वे पीट सकते है इसलिए पीटते है. है हिम्मत तो लालूजी, मुलायमजी, मायाजी, जयाजी और भी तमाम जी.. ऐसा बोल कर दिखाये की न खाते है न खाने देते है, और फिर जनता इस पर विश्वास भी करे तो जाने.

4 comments:

अनुनाद सिंह December 6, 2007 at 2:43 AM  

इस देश को और भी ऐसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री मिलें जो न 'खाते हों' न 'खाने देते' हों ।

बालकिशन December 6, 2007 at 4:42 AM  

जबदस्त! एक दम सही पकड़ा आपने और सही दिया. मज़ा आ गया.

संजीव कुमार सिन्‍हा December 6, 2007 at 6:05 AM  

जय भारत। जय गुजरात। जय नरेन्‍द्र मोदी।

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