Wednesday, July 11, 2007

अंकल, इतिहास पुरूष कैसे होते है?

अंकल अंकल ये हेस्टोरिकल परसन कैसे होते है?

बेटा, इतिहास पुरूष संवेदनशील, सम्मानित और बहुपक्षीय सोच वाले होते थे. मगर आने वाले युग पुरूष जरा अलग किस्म के होंगे.

ये कैसे होंगे अंकल?

बेटा अब इतिहास में उन्ही का नाम लिखा जाएगा, जो अपने आप को ही सही समझेंगे तथा दूसरों को गलत साबित करने में अपनी उर्जा लगा देंगे.

अभी पूरा क्लियर नहीं समझा अंकल, और गुड़-थिंग बताओ हेस्टोरिकल परसन की.

बेटा वे अपने जैसो के अलावा किसी को मनुष्य नहीं समझेंगे.

और अंकल

और वे गालियों को संस्कार मानेंगे.

और अंकल

और बेटा इनमें से कुछ किसी को मारने की धमकी देगें और कुछ उनका समर्थन करेंगे.

बस अंकल इतना ही काफी है. मैं समझ गया हमारे इतिहास पुरूष कैसे होंगे.

4 comments:

amit July 11, 2007 at 12:00 PM  

हा हा हा, खूब!! ;)

Arun Arora July 11, 2007 at 7:34 PM  

बिलकुल सही जी ,अगर कोई दुसरा ना माने तो दस जुगाडो एसे मनवाये वही है असली इतिहास पुरुष,

ePandit July 13, 2007 at 6:24 AM  

वाह खूब व्यंग्य लिखा आपने, नए इतिहास पुरुषों से तो भगवान बचाए।

Rising Rahul July 23, 2007 at 2:57 AM  

मित्र नटराज , मैं आपकी इस बात से १०० % सहमत हूँ कि 'रंग निर्दोष होते हैं , आदमी की सोच साम्प्रदायिक होती है ' । यही पर मैं आपसे भी कुछ जानकारी चाहता हूँ। भगवा रंग भारतीय परिप्रेक्ष्य मे किसका प्रतिनिधित्व करता है । और मित्र , मेरा सवाल था कि नारद का रंग भगवा क्यों है मैंने जो प्रश्न पूछा था वो सिर्फ इसलिये कि मुझे पता चले कि इस संदेहास्पद रंग को क्या समझा जाय ? अगर या अवचेतन मे बनाया गया है तब एक सोच को बल मिलता है और अगर यह चेतनावस्था मे बनाया गया है तब दूसरी सोच को बल मिलता है।

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