Wednesday, September 19, 2007

परवेज भाई रामजी खतरे नहीं है.

अरे रे रे परवेज भाई ये क्या लिख दिया की “हां तो भाई राम जी एक फिर ख़तरे मे है।“ ना भाई ना. राम को खतरा ना है, खतरा तो रामसेतु को है।

एक बार 'बाबर' ने पंगा ले लिया था।
बाबर क्या खा कर राम से पंगा लेता भला। लाचार हारे हिन्दुओं को उनकी औकात बता दी थी, बस। हजारों मन्दिर ध्वस्त हुए, साथ में रामजी का मन्दिर भी ध्वस्त हो गया।

बाबर कि निशानी पर चढ़ कर उसे उसकी औकात बता दी।
बाबर की बर्बरता की निशानी कहो...ज्यादा सही रहेगा.

भगवा झंडे वालो ने हजारो देशद्रोहियों को उनकी औकात बतायी थी।
बुरा मत मानना, बात कुछ हजम नहीं हुई।

ये भूल गए कि इन्होने एक बार नारा दिया था कि" मंदिर वही बनायेंगे"।
धन्यवाद याद दिलाने के लिए। दम हुआ तो बना लेंगे।

ये फिर दुबारा राम को बचाने का ठेका ले रहे है।
रामजी को कौन बचा सकता है? ये तो बात सेतु की है जो हमारा कर्तव्य है, अपनी धरोहर बचाना। भारत में है तो हाथ-पैर मार रहे है। अफगान में होता तो क्या कर लेते?

" काठ कि हांडी बार बार नही चढती"
राम का नाम काठ की हांडी नहीं है, मुन्ना।

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