बा मुलायजा होशियार
राजतीलक की तैयारी करें, भारत के अगले शासक ने सिंहासन की तरफ एक और कदम बढ़ा दिया है. महामंत्री बन गये है.
बात कर रहें है, आजाद भारत के प्रथम राजवंश की अगली पीढ़ी की. त्यागमूर्ति के पूत्र राहूल गाँधी की. लोकतंत्र है, जनता जिसे चाहें सिंहासन दे, हम कौन होते है कुढ़ने वाले?
अब हमारे बाप-दादाओं ने कहाँ उनके बाप-दादाओं की तरह देश की सेवा करते हुए गोलियाँ खायी, फाँसी पर झूल गए या काले पानी की सजा पायी. सेवा की है तो मेवा भी खाएंगे ही ना.
ऐसी ही सेवा गाँधीजी, सुभाषजी, भगतसिंहजी, सावरकरजी, मौलाना आजादजी, बिस्मिल्लाजी जैसे लोगो ने की होती तो उनके वंशज भी मेवा खा रहे होते. ना की बहादूरशाह जफ़र के वंशजो की तरह चाय का ठेला लगा रहे होते.