Monday, November 10, 2008

आमी चीन के भालो बासी

बंगाल की वामपंथी सरकार ने देशी कम्पनी को बाहर का रास्ता दिखा, चीनी कम्पनी को गले लगाया है? एक खबर के अनुसार बहुत सम्भव है कि अब चीन की कार सिंगूर से निकले। ज्ञात रहे, वामपंथियों के लिए चीन की कम्पनियाँ बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ नहीं मानी जाती और न वे पूँजीवादी होती है।

2 comments:

Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " November 10, 2008 at 7:19 AM  

कोमरेड ना मानते, देश-धर्म अनुबन्ध.
चीन हमारा बन्धु है, चाहे डाले फ़न्द.
चाहे डाले फ़न्द,भले ले ले हिमाला.
लाल सलाम भेजते हैं, करके मुँह काला.
कह साधक कवि,सिंगुर टाटा नहीं जानते.
देश-धर्म अनुबन्ध, कोमरेड नहीं मानते.

Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " November 10, 2008 at 7:19 AM  

कोमरेड ना मानते, देश-धर्म अनुबन्ध.
चीन हमारा बन्धु है, चाहे डाले फ़न्द.
चाहे डाले फ़न्द,भले ले ले हिमाला.
लाल सलाम भेजते हैं, करके मुँह काला.
कह साधक कवि,सिंगुर टाटा नहीं जानते.
देश-धर्म अनुबन्ध, कोमरेड नहीं मानते.

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