Tuesday, November 11, 2008

जरूर पढ़ें : हिन्दू आतंकवाद का अतिवाद

पेरिस स्थित "La Revue de l'Inde" के मुख्य संपादक फ्रैंको गोतिये का लेख हिन्दू आतंकवाद का अतिवाद हर समझदार व्यक्ति को जरूर पढ़ना चाहिए. देखें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद "हिन्दू आतंकवाद" के बारे में एक आजन्म कैथोलिक ईसाई क्या सोचता है?

3 comments:

Unknown November 11, 2008 at 10:07 PM  

मैंने पढ़ा है. एक-एक शब्द सच है. मैंने उस पर अपनी टिपण्णी भी पोस्ट की है. सब को पढ़ना चाहिए.

कुश November 11, 2008 at 10:17 PM  

लेख पढ़ लिया गया है.. जबरदस्त है.. धन्यवाद यहा लिंक देने के लिए

Meenu Khare December 16, 2008 at 5:37 AM  

१३९९ में तैमूर ने एक ही दिन में एक लाख हिन्दुओं का कत्ल कर दिया था. इसी तरह पुर्तगाली मिशनरियों ने गोआ के बहुत सारे ब्राह्मणों को सलीब पर टांग दिया था. तब से हिन्दुओं पर धार्मिक आधार पर जो हमला शुरू हुआ वह आज तक जारी है. कश्मीर में १९०० में दस लाख हिन्दू थे. आज दस हजार भी नहीं बचे है. बाकी हिन्दुओं ने कश्मीर क्यों छोड़ दिया? किन लोगों ने उन्हें कश्मीर छोड़ने पर मजबूर किया? अभी हाल की घटना है कि अपने पवित्रम तीर्थ तक पहुंचने के लिए हिन्दुओं को थोड़ी सी जमीन के लिए लंबे समय तक आंदोलन चलाना पड़ा, जबकि इसी देश में मुसलमानों को हज के नाम पर भारी सब्सिडी दी जाती है. एक ८४ साल के वृद्ध संन्यासी की हत्या कर दी जाती है जिसपर भारतीय मीडिया कुछ नहीं बोलता लेकिन उसकी प्रतिक्रिया में जो कुछ हुआ उसको शर्मनाक घोषित करने लगता है

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