Friday, December 19, 2008

अंतुले को मैडम का अभयदान

शुक्रवार देर शाम प्रधानमंत्री निवास पर मंत्रिमण्डल की बैठक हुई जिसमें कॉंग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री, विदेशमंत्री, रक्षामंत्री व अपने सलाहकार अहमद पटेल के साथ मंत्रणा की और मुस्लिम संगठनों के बीच अंतुले के बयान को मिल रहे समर्थन को देखते हुए फिलहाल उसकी बर्खास्तगी को टाल दिया है। अब सोमवार-मंगलवार तक प्रणब मूखर्जी का बयान आने की आशा है। अगर दबाव में अंतुले से इस्तिफा लेना भी पड़ा तो उसे महत्त्वपूर्ण जगह दी जाएगी।

देशवासियों की भावनाओं पर अल्पसंख्यकों का समर्थन भारी पड़ा। शाबास सोनिया। नेहरू का अधूरा छोड़ा काम दुसरा विभाजन आप ही करोगी।

Wednesday, December 17, 2008

सावधान कसाब के पक्ष में देशद्रोही सक्रिय होने लगे है

यह तो होना ही था। मगर इतनी जल्दी भारतीयों का खून ठण्डा पड़ जाएगा, इसकी उम्मीद नहीं थी।

हरामखोर, देशद्रोही और खूद को धर्मनिरपेक्ष कहलवाने वाले लोग मुम्बई के हत्यारों के पक्ष में बोलना शुरू कर दिया है। अब भी अगर नहीं जगे तो यूँ ही तील-तील कर मरना होगा। इन हरामखोर पाकिस्तान परस्त लोगो को बीच चौराहे पर जूतों से मारो।

यहाँ समाचार देखें। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ए. आर. अंतुले ने महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) प्रमुख हेमंत करकरे की मौत पर सवाल खडे किए हैं। हमारजादे से कोई पूछे जब आंतकी लोगो को मार रहे थे तब कोई कैसे बीच में ही केवल करकरे को मार गया। या हर मरे हिन्दु मुस्लिम की लाशों को अलग अलग कर बता किसको तुम्हारे देवदुत पाकिस्तानियों ने मारा और किसे दुष्ट हिन्दुओं ने।

अभी तो एन.डी.टी.वी. के विनोद दुआ और अरूंधती, महेश भट्ट जैसे लोगो का भोंपू बजना बाकी है।

आओ भारतीयों के प्राणों को हरने वालों का पक्ष लेने वाले देशद्रोहियों का भोंपू बजा दें।

Tuesday, December 16, 2008

इस्लामियों द्वारा हिन्दुओं को मारा जा रहा है

पहले वे भारत में घूस पर भारतीयों को मारा और अब पाकिस्तान में हिन्दुओं को मार रहे है। मूम्बई धमाकों के बाद पाकिस्तान में हिंदू परिवारों का रहना मुश्किल हो गया है। बहू-बेटियों से दुष्कर्म किया जा रहा है। ऐसे में कहाँ है अरूंधती और कहाँ है सेक्युलर मीडिया।

जब भी आंतकी हमला होता है, नपुंसक नेता “भाईचारा” बनाए रखने का राग अलापते है। अरे हम तो सभ्य लोग है, भाईचारा बना रहेगा, मगर उन बर्बर मजहबी प्रजाति का क्या जिसे अपने अलावा और किसी का अस्तित्व मंजूर नहीं।

दुनिया के किसी भी कोने में मुस्लिमों पर अत्याचार होने पर हमारे नेता आँसू बहाने लगते है, उनके आँसू हिन्दुओं की मौत पर क्यों नहीं आते?

हिंदू परिवारों का कहना है कि पाक में वही हाल दोहराया जा रहा है जो बंटवारे के दौरान हुआ था। और हम अफ्जल को गले लगा रहें है। धिक्कार है..धिक्कार है...धिक्कार है।

Wednesday, November 26, 2008

अब हूसैन पर फिल्म नहीं दिखाई जाएगी

सुचना व प्रसारण मंत्रालय के फिल्म डिविजन के उच्चाधिकारी के मुम्बई में कहा है कि अब हिन्दु देवाताओं के दूषित चित्र बनाने वाले चित्रकार हूसैन पर बनी डॉक्यूमेंटरी फिल्म 39वें भारतीय अंतराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में नहीं दिखाई जाएगी। ज्ञात रहे कुछ हिन्दू संगठन इसका विरोध कर रहे थे।

Friday, November 21, 2008

माइकल जैक्सन ने इस्लाम कबूला. अब गाना छोड़ेंगे?

खबर है कि माइकल जैक्सन ने इस्लाम कबूल कर लिया है और अपना नाम  बदलकर मिकाइल कर लिया है। 50 वर्षीय जैक्सन ने लास एंजेलिस में अपने मित्र के घर पर कुरान के प्रति आस्था व्यक्त की। जैक्सन को एक इमाम ने यह रस्म अदा करवाई।

यानी माइकल अब नाच गाने से तौबा कर लेंगे? क्योंकि इस्लाम में नाचना, गाना, गहने पहनना और प्लास्टीक सर्जरी करवाना तो हराम है।

या इसके पीछे भी कोई राज है?  माइकल जैक्सन के खिलाफ बहरीन के प्रिंस अब्दुल्ला अल खलीफ ने रिकार्डिग कांट्रेक्ट तोड़ने के मामले में 47 लाख पाउंड का मुकदमा ठोक रखा है। तो यह पैसे बचाने के लिए तो नहीं?

Thursday, November 20, 2008

मीडिया की नजर में हिन्दु आतंकी नहीं

मन माँगी मुराद पूरी हुई और अपने चहेते इस्लामि आतंकवादियों के पाप को धोने का अच्छा मौका हाथ लगा तो मीडिया ने हिन्दु आतंकवाद पर खूब शोर मचाया।  समय के साथ मीडिया वालो को गलती का अहसास हुआ है, अब हिन्दु नहीं मात्र साधू संत ही आतंकी है। अब वे "भगवा आतंकी" शब्द का प्रयोग करेंगे। जय हो भोले नाथ।

Tuesday, November 11, 2008

जरूर पढ़ें : हिन्दू आतंकवाद का अतिवाद

पेरिस स्थित "La Revue de l'Inde" के मुख्य संपादक फ्रैंको गोतिये का लेख हिन्दू आतंकवाद का अतिवाद हर समझदार व्यक्ति को जरूर पढ़ना चाहिए. देखें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद "हिन्दू आतंकवाद" के बारे में एक आजन्म कैथोलिक ईसाई क्या सोचता है?

Monday, November 10, 2008

आमी चीन के भालो बासी

बंगाल की वामपंथी सरकार ने देशी कम्पनी को बाहर का रास्ता दिखा, चीनी कम्पनी को गले लगाया है? एक खबर के अनुसार बहुत सम्भव है कि अब चीन की कार सिंगूर से निकले। ज्ञात रहे, वामपंथियों के लिए चीन की कम्पनियाँ बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ नहीं मानी जाती और न वे पूँजीवादी होती है।

Saturday, November 8, 2008

हिन्दू आतंकवाद की राह पर सेना !!?

क्या भारतीय सेना आतंकवादी है? मगर कुछ ऐसी बकवास कर रहे है, और टिप्पणी प्रकाशित नहीं करते। इसका जवाब है यह चिट्ठा। आप यहाँ अपनी वह टिप्पणी कर सकते है जो फिरदौस जैसे लोगों द्वारा रोक दी जाती है। कृपया इसे देखें। यह फिलहाल किसी एग्रीगेटर पर नहीं आ रहा। आशा है शामिल कर लिया जाएगा। अगर इस्लामिक आतंकवादियों के समर्थक चिट्ठे एग्रीगेटरों पर आ सकते है, तो यह भी आ सकता है।

Thursday, October 16, 2008

क्या चाहते है ये कथित मासूम

उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद हाय-तौबा मचाने वालों की कोई कमी नहीं रही। कुछ लोग खूद को सौहार्द्य का शहंशाह समझने के फिराक में देशहित को भूल गए। कुछ देशद्रोही तमाम क्षेत्रों में इनके बचाव पर उतर आए, ब्लॉगजगत भी इससे अछूता नहीं रहा।

मगर जिन्हे मासूम कहा जा रहा है, पूलिस पर उँगलियाँ उठाई जा रही है, उनके विचार कैसे है?

प्रतिबंधित संगठन सिमी के कोषाध्यक्ष मो अली ने पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान कहा कि उनके संगठन को भारतीय संविधान मे आस्था नहीं है.


उसने आगे कहा कि, वे लोग पूरी दुनिया को इस्लाम धर्म के अनुसार चलाना चाहता है और इसके लिए वह कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है.

कमसे कम देश व सभ्य दुनिया के लिए इनके समर्थन से बाज आईये. देशद्रोही चिट्ठों को पहचानिये और उन पर टिप्प्णी कर नोबल शांति पुरस्कार की आशा मत रखे। जब देश ही नहीं रहेगा तब क्या करोगे?

Wednesday, October 8, 2008

सुनो तिवारी, हम हरामखोर देशद्रोही नहीं हैं

हमें गर्व है गुजराती होने पर, इस धरती ने नेहरू नहीं गाँधी और पटेल दिये है। अगर गुजरात खुश है तो तुम्हें क्यों तकलीफ होती है, हमारी मेहनत से हम खुश है। क्या खुशी मनाना देशद्रोह है?

निक्कमे वामपंथी जिन्हे केवल हड़तालों का ही प्रबन्धन आता है, अगर नेनो को मेनेज नहीं कर सके तो इसमें हमारा क्या दोष? यह प्रोजेक्ट तो उन्हीं के पास था, वे भी जश्न मनाते, किसने रोका था? हमने नेनो के आगमन पर खुशी जताई है, उसके बंगाल से जाने पर नहीं।

अगर राज ठाकरे का पड़ोसी होना अपराध है तो उस घर को क्या कहेंगे जहाँ वह रहता है, ऐसे में तो मराठी महा देशद्रोही हो गए!

गुजरात के देशभक्तों की तुलना हुर्रियत जैसे हरामखोर देशद्रोहियों से कर तुमने अपनी जलन ही व्यक्त की है। भगवान तुम्हें सोचने समझने की सक्षता दे।

हमें हमारे नेता पर गर्व है, तुम्हे लालू, मुलायम, पासवान, बुद्धदेव जैसे देशभक्त मुबारक.

Thursday, September 25, 2008

ब्लॉगरों/टिप्पणीकारों के आँखे खोल देने वाले कथन

ये ब्लॉगरों/टिप्पणीकारों के वे कथन है जो आँखे खोल देने के लिए काफी है। गुजरात में अदृश्य दीवारें देखने वाले राजदीप हो या खुद को महात्मा गाँधी समझने वाले रवीश या फिर तमाम वे बन्धू जो आतंकियों को शह देते है... इस पर गौर करे और कभी कैमरे ले कर पहूँचे ऐसी जगहो पर जहाँ भारत को छलनी करने वाली पाक छावनियाँ बन गई है।

ये टिप्प्णियाँ यहाँ की गई थी, ध्यान में न आकर कहीं गूम हो सकती थी या मिटा दी जाती, इसलिए इन्हे यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ, जाग सको तो जागो वरना हिन्दुस्तान नक्शों में भी नहीं मिलेगा।

 

सरायमीर के बारे में आप क्या जानते हैं मै सरायमीर का ही हूँ मैं बताता हूँ सरायमीर भारत का हवाला कैपिटल है....जितने पी.सी.ओ.सरायमीर में है उतने तो एक साथ पूरी दुनिया में किसी जगह नही होंगे....जो हवाला के कारोबार में मददगार हैं...सरायमीर के चचा लोगों के घर की तलाशी ली जाए तो इतना असलहा निकलेगा कि जितना हिन्दुस्तानी फौज के पास भी नही होगा....और बाटला हाऊस में मारे गये आतंकियो से आपकी हमदर्दी देखकर लगता है कि बेचारो को विस्फोट के बाद गोली नही परमवीर चक्र मिलना चाहिए था....

-अनिल यादव

 

अनिल यादव ने सही जवाब दिया। पुण्य प्रसून बाजपेयी को कभी मुरादाबाद भी जाना चाहिए। जहां मुगलपुरा और कटघर जैसे इलाकों से हिंदू आबादी को पूरी तरह खदेड़ दिया गया है। कांठ रोड और दिल्ली रोड पर बन रही कालोनियां मुरादाबाद के विकास की नहीं विनाश की कहानी हैं। ये शहर अपने को दो हिस्सों में कब का बांट चुका है। अमर उजाला के लिए मुरादाबाद से पहले मैं रामपुर में भी रहा हूं और वहां ज़रा किले के आसपास के इलाके में जाकर देखिए, क्या हालत है। ऐसा नहीं कि सब जगह यही हालात है, गांव में मेरा घर मुसलमानों की आबादी से सटा इकलौता घर है, लेकिन अपने घर वालों से बात करने के लिए दुबई, कतर या मुंबई में काम करने वालों के सबसे ज़्यादा फोन मेरे ही घर आते हैं।

- पंकज शुक्ल

 

पंकज शुक्ल जी, मुरादाबाद के बारे में आपने बिल्कुल सही कहा है. मैं संभल का रहने वाला हूँ, जहाँ हर बार जाने पर पता लगता है कि इस गली से भी कुछ हिन्दू पलायन कर गए और मुसलमानों ने उनके घर खरीद लिए. यहाँ के मुसलमानों के पास बहुत पैसा है. वह सब नंबर दो के धंदे करते हैं. कोई टेक्स नहीं देता. और सरकार कहती है कि वह गरीब हैं. किसी तरफ़ से भी शहर में घुसिए, मुस्लिम बस्तियों से होकर जाना पड़ेगा. कितनी ही सरकारी जमीन पर मुसलमानों ने अनाधिकृत कब्जा कर लिया है. हिंदू यहाँ अल्पसंख्यक हैं. कुछ ही दिनों में यहाँ बस मुसलमान ही रह जायेंगे.

-सुरेश चन्द्र गुप्त

Thursday, July 10, 2008

दो जगह, दोनो ही वामपंथी मगर कितना फर्क

दो जगह, दोनो ही वामपंथी और दो अलग अलग तरह के निर्णय.

नेपाल के सीपीएन (माओवादी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने कहा कि नेपाल की नई व्यवस्था में देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे मुसलमानों को विशेष अधिकार दिए जाने चाहिए. यानी धर्म को अफिम मानने वाले देश के लोगो को नागरिक के रूप में नहीं उनके धर्म के आधार पर देखते है. यही बात वहाँ हिंदुओं के लिए कही जाती तो घोर साम्प्रदायिक बात होती. खैर भारतीय हो या नेपाली, वामपंथी आखिर है तो एक ही नस्ल के.

अब बात दुसरी नस्ल के कथित वामपंथीयों की. खबर है चीन से. चीन के उत्तर पश्चिमी मुसलमान बहुल जिनझियांग स्वायत्त इलाके में पुलिस की गोली से 5 लोग मारे गए. पुलिस का आरोप है कि ये बहुसंख्यक हान संप्रदाय के खिलाफ जिहाद में शामिल थे.

अपने आकाओ से कुछ सिखेंगे भारतीय व नेपाली वामपंथी?

Wednesday, July 9, 2008

विधायक पर नक्सली हमले में 3 मरे

झारखंड के पूर्व मंत्री और जद-यू के वर्तमान विधायक रमेश सिंह मुंडा और तीन अन्य की जिले के बंहातू गांव के निकट बुंडू में संदिग्ध नक्सलियों ने बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी।

53 वर्षीय मुंडा राज्य के तमार विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

Tuesday, July 1, 2008

नक्सली हमला, तीन पुलिसकर्मियों की मौत

नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट कर बुंदू क्षेत्र में डीएसपी प्रमोद कुमार सिन्हा और दो कांस्टेबल की हत्या कर दी।

Thursday, January 17, 2008

आ रहा है फिर एक गुजराती?

गाँधी और पटेल के रूप में गुजरात ने देश को महत्त्वपूर्ण नेता दिये थे। ऐसे ही गुजराती क्रांतिकारी थे श्यामजीकृष्ण वर्मा जो वीर सावरकर और मदनलाल ढींगरा के गुरू भी थे।

पटेल को नेहरू की महत्त्वाकाँक्षाओं ने प्रधानमंत्रि नहीं बनने दिया, फिर दुसरे गुजराती मोरारजीभाई जरूर प्रधानमंत्री पद तक पहूँचे मगर अल्पकाल के लिए ही।

अब एक और गुजराती आने वाले समय में भारत का नैतृत्व कर सकता है, नरेन्द्र भाई मोदी। नरेन्द्र भाई न केवल अपने राज्य में लोकप्रिय है राज्य से बाहर भी भारी लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं। राजस्थान में वे वसुंधराजी से ज्यादा लोकप्रिय है तो, महाराष्ट्र में भी खासे लोकप्रिय है। खबर है की हाल ही के उनके महाराष्ट्र दौरे में प्रधानमंत्री-कक्षा की सुरक्षा दी गई थी। कर्णाटक में भी उनकी लोकप्रियता को भाजपा भूनाने को तैयार है।

तो क्या मान लें भारत का नैतृत्व आने वाले वाले समय में एक गुजराती करेगा, फिर किसी की छाती पर साँप लौटे तो लौटे।

Thursday, January 10, 2008

चित्रकार हुसैन हाजिर हो....

दिल्ली के एक न्यायालय ने भारत माता तथा हिंदू देवताओं के अश्लील चित्रण से संबंधित एक मामले में (तरह-तरह की कानूनी गलियाँ निकालकर बचते आए) हुसैन को निजी तौर हाजिर होने का नोटिस दिया है।

ज्ञात रहे अपने आपको मुकदमों से बचाने के लिए हुसैन सउदी अरब में रह रहे हैं।

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